Today, We are writing the Urdu ghazal and poetry in the Hindi and Urdu language for every poetry lover. You can also read here unique Shayari and poems on humanity and emotions. If you believe in truth and these poems are attracting you then please share the one feedback on the following comment box.
Urdu Ghazal in Hindi
ज़ुल्फ़ रुख़्सार से हटा तो ज़रा
फ़र्क दुनियादारी का मिटा तो ज़रा
आइनों में तू साफ़ नहीं दिखती
बिन आईने के मुझसे नज़र मिला तो ज़रा
हक़ीक़त है या कोई ख़्वाब देखता हूँ
जुबां खोल कुछ बता तो ज़रा
अधेरों से फ़क़त वाकिफ़ हूँ मैं
रौशनी नूरानी अपने चेहरे की दिखा तो ज़रा।
Mohabbat Urdu Ghazal
सांसे जो आज हैं कल थम न जाएं
बता जिंदगी तुझे छोड़कर हम कहाँ जाएं
ज़माने की महफ़िल में ना बैठ सके तो क्या
अब इस समंदर से कश्तियाँ लेकर कहाँ जाएं
हालात बिगड़े हुए हैं मगर सुधर जाएंगें
गुज़रे हुए लम्हों को अब क्या बताएं
कहीं तो होगा साफ धूल से आईना
चेहरे में छुपे चेहरे को अब कैसे देख पाएं
नज़रें शमशीर हैं मगर इंसान भी पत्थर है
खुद में गिरे हुए हैं अब किसी को क्या गिराएं।
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Urdu Ghazal in Urdu
जंग छीन लेती है सब कुछ
उड़ती हुई लाशों की गिनती कौन करे
बाद में बयां करते हैं वो अच्छाई
गिरे लहू और सितम पे बयां कौन करे
ख़बरदार जो तुम घर से निकाल जाओ
शमशीरों के साए में गुफ़्तगू कौन करे
है यक़ीं जिन्दा रब से डरने वालों का
जिसकी डर चुकी रूह उससे मुँह कौन करे।
Urdu Ghazal Shayari in Hindi
पल में क्या हो जाए कुछ पता नहीं
मिट्टी को मिट्टी खा जाए कुछ पता नहीं
इंसान बीनता रहता है चंद रूपये ताउम्र
ज़िंदगी कब बिखर जाए कुछ पता नहीं
ख़ुशी मिलती नहीं देखने उदासी नज़र आती है
कब कौन जहाँ से रूठ जाए कुछ पता नहीं
मिलते रहो अपनों से पैसा नहीं है कुछ
कफ़न मिले या मिले कुछ पता नहीं
आदत-सी हो गई है ख़्वाबों में जीने की
ये नींद कब टूट जाए कुछ पता नहीं
सीने में दिल नहीं तो मुर्दा ही माने जाओगे
रूह कब जिस्म छोड़ जाए कुछ पता नहीं।
मैं चाहता हूँ जब मरूं कुछ वजह ना हो
कब इज़्ज़त मिट जाए कुछ पता नहीं।
Happy Teachers Day Quotes in Hindi
Sad Ghazal in Urdu
महफूज़ रहे हैं सितारे चाँद के आग़ोश में
रौशनी सूरज की उनपर कभी आती नहीं
जो निकल जाए कभी उजाले में तो देखना
छाया फिर कभी उनको समझाती नहीं
धूप में गश्त करते रहते हैं शोले आग के
सितारों से बेवजह आग भी टकराती नहीं
मुसीबत है कि इंसान की इज़्ज़त नहीं होती
जो जानवर हैं उनको मगर शर्म आती नहीं
रहबर मानते हैं उनको जो क़ाबिल नहीं
जो क़ाबिल हैं मगर उनको हम जानते नहीं
बड़ी ख़्वाहिश होती है नाम कमाने वाली
इंसानियत मगर इंसानियत को पहचानती नहीं।
Love Ghazal in Urdu
परहेज़ जरूरी है निपटने के लिए
ये बीमारी आती नहीं बुलाई जाती है
सख़्त-सा वक़्त कुछ और लगेगा
देखना अब ये क्या क्या ज़ुल्म ढाती है
मिटटी को पकड़ चाँदी छोड़ दे
ये कुछ वक़्त तक ज़्यादा सताती है
जड़ से कर ख़तम इसको इलाज है
दवा नहीं कुछ जगह दुआ काम आती है।
Best Good Morning Shayari for You
Romantic Ghazal in Urdu
मिल जाती हैं निगाहें
दिल बिल्कुल नहीं मिलते
इज़्ज़त सबको प्यारी होती है
हर जगह फूल नहीं खिलते।
शायरी का एक अनोखा अंदाज़ जिसे ग़ज़ल कहा जाता है, आप यहाँ पढ़ सकते हैं। उर्दू और हिंदी के लफ्ज़ सजाकर कुछ पंक्तियाँ यहाँ मौजूद हैं। हमारा अक़ीदा है कि आपको पसंद आएं। आप सभी से गुज़ारिश है कि पढ़ने के बाद एक कमेंट जरूर करते जाएं जिससे हमें पता तो चले पंक्तियाँ कैसी हैं।